निर्देशक
निर्देशक रवि मोहन
अभिनेता, निर्देशक, प्रशिक्षक और मार्गदर्शक रवि मोहन रंगमंच और मीडिया के साथ पिछले लगभग 20 वर्षों से जुड़े है। 2002 मे इन्होंने अपने पिता श्री रास बिहारी जी के साथ अपना सांस्कृतिक दल ‘रास कला मंच’, सफीदों के नाम से आरंभ किया और युवा निर्देशक के रूप में पूरे देश भर में अपनी पहचान बनाई। रवि मोहन “रास” ने अभी तक 35 नाटको का निर्देशन और 15 नाटको में अभिनय किया है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र से इतिहास विषय मे लघू शोध करने के बावजूद इनका रंगमंच में व्यवसायिक रूप से आने का पूरा श्रेय ये श्रीमति डॉली अहलूवालिया तिवारी व श्री कमल तिवारी जी को देते है और ये अपने आपको उनका ऋणी मानते है जिनकी वजह से इन्होने अपनी रंग-शिक्षा संगीत नाटक अकादमी दिल्ली व राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली के द्वारा आयोजित नाट्य कार्यशालाओं मे ली व वरिष्ठ रंग-शिक्षको से रंगमंच की बारीकियों को सीखने का मौका मिला। इन्होंने भारत देश मे आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नाट्य समारोह मे कई नाटको की प्रस्तुतियां की है। इन्हे अपने नाटको के लिए कई रंग पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए हैं।
अगर आप लेखक, अभिनेता या फिर मंच से जुड़ी किसी भी विधा को व्यक्त करना चाहते हैं तो उसके लिए रंगमंच पर प्रस्तुति देना अति आवश्यक है । जिसके लिए मंच, कलाकार व दर्शकों का होना अनिवार्य है । इन सबके बिना किसी भी मंचीय प्रस्तुति की कल्पना करना भी व्यर्थ है ।